ध्यान की गहराई में तुम अपने शरीर को बिलकुल भूल जाते हो। तादात्म्य टूट जाता है। शरीर बहुत छोटी चीज है और तुम
बहुत बड़े हो। तुम्हारी शक्ति अपरिसीम है
तुम वह अपरिसीम शक्ति हो जो क्षुद्र शरीर से एकात्म हो गई है। एक बार यह पहचान हो जाए, तुम अपने सच को जान लो,
तो तुम्हारी वजन शून्यता बढ़ेगी। और शरीर का वज़न घटेगा।
लेकिन हमारे लिए वज़न शून्यता समस्या रहेगी। सिद्धासन कीविधि है। जिसमें बुद्ध बैठते है, वजन शून्य होने की सर्वोत्तम विधि है। जमीन पर बैठो, किसी कुर्सी या अन्य आसन पर नहीं । मात्र जमीन पर बैठो। अच्छा हो कि उस पर सीमेन्ट या कोई
कृत्रिमता नहीं हो। जमीन पर बैठो कि तुम प्रकृति के निकटतम रहो। और अच्छा हो कि तुम नंगे बैठो। जमीन पर नंगे बैठो—
बुद्धासन में सिद्धासन में।
वज़न शून्य होने के लिए सर्वश्रेष्ठ आसन है। क्यों ? क्योंकि जब तुम्हारा शरीर इधर-उधर झुका होता है तो तुम
ज्यादा वज़न अनुभव करते हो। तब तुम्हारे शरीर को गुरुत्वाकर्षण से प्रभावित होने के लिए ज्यादा है। यदि मैं इस कुर्सी पर बैठा हूं तो मेरे शरीर का बड़ा क्षेत्र गुरुत्वाकर्षण से प्रभावित होता है। जब तुम खड़े हो तो प्रभावित क्षेत्र कम हो जाता है।
लेकिन बहुत देर तक खड़ा नहीं रहा जा सकता है। महावीर सदा खड़े-खड़े ध्यान करते थे क्योंकि उस हालत में गुरुत्वाकर्षण
का न्यूनतम क्षेत्र घेरता है। तुम्हारे पैर भर जमीन को छूते है। जब पाँव पर खड़े हो तो गुरुत्वाकर्षण तुम पर न्यूनतम भाव
करता है। और गुरुत्वाकर्षण की वज़न है।
In the depths of meditation, you forget your body completely. Identity is broken. Body is a very small thing and you
You are very big. Your power is limitless
You are the infinite power that has merged with the small body. Once you know this, you know your truth,
So your weight loss will increase. And the weight of the body will decrease.
But weight loss will be a problem for us. There is a method of Siddhasana. In which Buddha sits, weight is the best method of zeroing. Sit on the ground, not on a chair or other pedestal. Just sit on the ground. It is good to have a cement or someone
There should not be artificiality. Sit on the ground that you are closest to nature. And good that you sit bare. Sit bare on the ground—
In Siddhasana, in Buddha.
Weight is the best posture to be zero. Why? Because when your body is bent here and there you
You feel more weight Then your body has more to be affected by gravity. If I am sitting in this chair, a large area of my body is affected by gravity. When you are standing, the affected area is reduced.
But it cannot stand for very long. Mahavira always meditated standing because gravity in that condition
Occupies a minimum area of. Your feet touch the ground. When standing on foot, gravity is the lowest price on you
Does. And is the weight of gravity.
ओशो विज्ञान भैरव तंत्र
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