जब किसी बिस्तर या आसमान पर हो तो अपने को वजन शून्य हो जाने दो—मन के पार।
तुम यहां बैठे हो; बस भाव करो कि तुम वजन शून्य हो गए हो। तुम्हारा वज़न न रहा। तुम्हें पहले लगेगा कि कहीं यहां वज़न है। वजन शून्य होने का भाव जारी रखो। वह आता है। एक क्षण आता है। जब तुम समझोगे कि तुम वज़न शून्य हो। वज़न नहीं है। और जब वज़न शून्य नहीं रहा तो तुम शरीर नहीं रहे। क्योंकि वज़न शरीर का है; तुम्हारा नहीं, तुम तो वज़न शून्य हो।
इस संबंध में बहुत प्रयोग किए गये है। कोई मरता है तो संसार भर में अनेक वैज्ञानिक ने मरते हुए व्यक्ति का वज़न लेने की कोशिश की है। अगर कुछ फर्क हुआ, अगर कुछ चीज शरीर के बाहर निकला है, कोई आत्मा या कुछ अब वहां नहीं है। क्योंकिवजन के लिए कुछ भी बिना वज़न के नहीं है।
सब पदार्थ के लिए वज़न बुनियादी है।
वज़न पदार्थ का है, लेकिन तुम पदार्थ नहीं हो। अगर वजन शून्यता की हम विधि का प्रयोग करना है तो तुम्हें सोचना चाहिए।
सोचना ही नहीं भाव करना चाहिए कि तुम्हारा शरीर वजन शून्य हो गया है। अगर तुम भाव करते ही गए। भाव करते ही गए।
तो तुम वजन शून्य हो, तो एक क्षण आता है कि तुम अचानक अनुभव करते हो कि तुम वज़न शून्य हो गये। तुम वजन शून्य ही हो। इसलिए तुम किसी समय भी अनुभव कर सकते हो। सिर्फ एक स्थिति पैदा करनी है। जिसमें तुम फिर अनुभव करो कि तुम वजन शून्य हो। तुम्हें अपने को सम्मोहन मुक्त करना है।
तुम्हारा सम्मोहन क्या है ? सम्मोहन यह है कि तुमने विश्वास किया है कि मैं शरीर हूं, और इसलिए वज़न अनुभव करते हो।
अगर तुम फिर से भाव करोविश्वास करो कि मैं शरीर नहीं हूं, तो तुम वज़न अनुभव नहीं करोगे। यही सम्मोहन मुक्ति है कि जब तुम वज़न अनुभव नहीं करते तो तुम मन के पार चले गए।
शिव कहते है: ‘’जब किसी बिस्तर या आसन पर हो तो अपने को वजन शून्य हो जाने दो-- मन के पार।‘’ तब बात घटती है।
"ओशो विज्ञान भैरव तंत्र"
When on a bed or in the sky, let yourself lose weight - beyond the mind.
You are sitting here; Just sense that you have lost weight. You are no more weight. You will first feel that there is weight here. Keep the sense of weight being zero. He comes. A moment comes. When you understand that you are zero weight. No weight. And when the weight is not zero then you are no longer the body. Because the weight is of the body; Not yours, you are zero weight.
Many experiments have been done in this regard. If someone dies, many scientists all over the world have tried to take the weight of a dying person. If something has happened, if something has come out of the body, no soul or anything is there now. Because nothing is without weight for weight.
Weight is fundamental to everything.
The weight is of matter, but you are not matter. If we want to use the method of weight zero then you should think.
Don't just think that your body weight has become zero. If you just kept on feeling. Just kept on talking.
So you are zero weight, then a moment comes that you suddenly feel that you have lost weight. You are zero weight. That's why you can feel at any time. Only one situation has to be created. In which you again feel that you are zero weight. You have to free yourself from hypnosis.
What is your hypnosis Hypnosis is that you have believed that I am a body, and therefore feel weight.
If you feel again, believe that I am not a body, you will not feel weight. This hypnosis is liberating that when you do not feel the weight, you have gone beyond the mind.
Shiva says: "When on a bed or a pedestal, let yourself lose weight - beyond the mind." Then the thing happens.
"Osho Vigyan Bhairava Tantra"
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