Snehdeep Osho Vision

 अगर तुम यह देखते हुए नींद में उतरो कि हृदय प्राण से भर रहा है। निरंतर हर श्वास में प्राण से स्पर्शित हो रहा है तो

तुम अपने स्वप्नों के मालिक हो जाओगे। और यह मलकियत बहुत अनूठी है,दुर्लभ है। तब तुम जो भी स्वप्न देखना चाहते

हो, तुम वह स्वप्न देख सकते हो। और सोते समय कहो कि मैं फलां स्वप्न देखना चाहता हूं और वह स्वप्न कभी तुम्हारे मन में प्रवेश नहीं कर सकेगा।

मृत्यु गहन नींद है। अगर तुम्हारा नींद मृत्यु की तरह गहरी हो जाए तो उसका अर्थ है कि सपने विदा हो गए। सपने नींद को उथला करते है। सपनों के चलते तुम सतह पर ही घूमते रहते हो। सपनों में उलझे रहने के कारण तुम्हारा नींद उथली हो जाती है। और जब सपने नहीं रहते, तब तुम नींद के सागर में उतर जाते हो। उसकी गहराई छू लेते है। वही  मृत्यु है ।

इसलिए भारत ने सदा कहा है कि नींद छोटी मृत्यु है और मृत्यु लंबी नींद है। गुणात्मक रूप  से दोनों समान है। नींद दिन दिन की मृत्यु है, मृत्यु जीवन-जीवन की नींद है। प्रतिदिन तुम थक जाते हो, तुम सो जाते हो, और दूसरी सुबह तुम फिर अपनी शक्ति और अपनी जीवंतता को वापस पा लेते हो। तुम मानो फिर से जन्म लेते हो। वैसे ही सत्तर या अस्सी वर्ष के जीवन के बाद तुम पूरी तरह थक जाते हो। अब छोटा अवधि की मृत्यु से काम नहीं चलेगा, अब तुमको बड़ी मृत्यु की जरूरत

है। उस बड़ी मृत्यु या नींद के बाद तुम बिलकुल नए शरीर के साथ पुनर्जन्म लेते हो।

और एक बार यदि तुम स्वप्न -शून्य नींद को जान जाओ और उसमे बोध पूर्वक रहो तो फिर मृत्यु का भय जाता रहता है।

कोई कभी नहीं मर सकता। मृत्यु असंभव है, अभी एक दिन पहले मैं कहता था कि केवल मृत्यु निश्चित है। और अब कहता हूं कि मृत्यु असंभव है। कोई कभी नहीं मरा है। कोई कभी मर नहीं सकता। संसार में यदि कुछ असंभव है तो वह मृत्यु है।

क्योंकि असतित्व जीवन है। तुम फिर-फिर जन्मते हो। लेकिन नींद ऐसी गहरी है कि पुरानी पहचान भूल जाते हो। तुम्हारे मन से स्मृतियां पोछ दी जाती है।

यह सूत्र कहता है: स्वप्न और स्वयं मृत्यु पर अधिकार हो जाएगा।‘’ 

तब तुम जानोगे कि मृत्यु एक लंबी नींद है—और सहयोगी है, और सुंदर है। क्योंकि वह तुमको नव जीवन देती है। वह तुमको

सब कुछ नया देती है, फिर तो मृत्यु भी समाप्त हो जाती है। स्वप्न के शेष होते ही  मृत्यु समाप्त हो जाती है।


"ओशो विज्ञान भैरव तंत्र"


If you fall asleep seeing that the heart is full of life.  Constantly being touched by life in every breath

 You will own your dreams.  And this malaise is very unique, rare.  Then whatever you want to dream

 You can see that dream.  And at bedtime, say that I want to have such a dream and that dream will never enter your mind.

 Death is deep sleep.  If your sleep becomes as deep as death, it means that the dreams are gone.  Dreams make sleep shallow.  Due to dreams, you move around on the surface.  Due to being entangled in dreams, your sleep becomes shallow.  And when dreams are not there, then you go into the ocean of sleep.  Touches his depth.  That is death.

 That is why India has always said that sleep is short death and death is long sleep.  Both are qualitatively similar.  Sleep is the death of day, death is the sleep of life.  Every day you get tired, you fall asleep, and the next morning you again regain your strength and your vitality.  As if you are born again  Likewise, after a life of seventy or eighty years you become completely tired.  Now short term death will not work, now you need big death

 is.  After that great death or sleep you are reborn with a completely new body.

 And once you know the dream-sleepless sleep and stay in it consciously, then the fear of death goes on.

 No one can ever die.  Death is impossible, just a day before I used to say that only death is certain.  And now I say that death is impossible.  No one has ever died  Nobody can ever die.  If something is impossible in the world, it is death.

 Because immaturity is life.  You are born again and again.  But sleep is so deep that you forget the old identity.  Memories are wiped from your mind.

 This sutra says: Dreams and death itself will be empowered. "

 Then you will know that death is a long sleep — and a companion, and a beautiful one.  Because she gives you new life.  That to you

 Everything gives new, then even death ends.  Death ends as soon as the dream is over.


 "Osho Vigyan Bhairava Tantra"




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