Snehdeep Osho Vision

 माक्स ब्रिटिश म्यूजियम से तब हटता था, जब बेहोश हो जाता था पढ़ते-पढ़ते और लिखते-लिखते। अ‍क्सर उसे बेहोश घर ले जाया गया है। और उसकी पत्नी हैरान होती थी कि तुम पागल हो! तुम कर ‍क्या रहे हो ? इसे लिख कर होगा ‍क्या ? उसकी किताब भी कोई छापने को तैयार नहीं था। स्त्री सोेच ही नहीं सकती थी, इससे फायदा ‍क्या है! यह किताब बिक भी नहीं सकती। उलटे महंगा पड़ रहा था। माक्स ने कैपीटल लिखी, तो जितने में उसकी किताब बिकी, उससे ज्यादा की तो वह सिगरेट पी चुका था उसे लिखने में। तो महंगा पड़ रहा था। और बेहोश घर उठा कर लाया जाता। लाइब्रेरी से धक्के देकर निकाला जाता; ‍क्योंकि लाइब्रेरी बंद हो गई और वह हटता ही नहीं है, वह अपनी कुर्सी पकड़े हुए बैठा है। चपरासी कह रहे हैं, हटिए ! और वह कह रहा है, थोड़ा और लिख लेने दो।

यह किसलिए ? यह भविष्य की कोई कल्पना है कि कहीं किसी दिन साम्यवाद आएगा ! इसमें कोई स्पेसियस बोध नहीं है, स्थान का कोई बोध नहीं है। कोई स्त्री यह नहीं कर सकती। अभी और यहीं ! यहीं कुछ हो सकता हो, तो! उसके अंतर में ही समय की प्रतीति नहीं है। लाओत्से मानता है कि समय की प्रतीति खो जाए , तो आप स्त्रैण-चित्त के हो जाएंगे।

इसलिए दुनियां के समस्त साधकों ने यह कहा है कि जब समय मिट जाएगा, तभी ध्यान उपलब्ध होगा। ‍व्हेन देयर इज़ नो टाइम। 

जीसस से किसी ने पूछा है कि तुम्हारे स्वर्ग में खास बात ‍क्या होगी ? तो उन्होंने कहा, देयर शैल बी टाइम नो लांगर। खास बात जीसस ने बताई कि वहां समय नहीं होगा। समय होगा ही नहीं। और सब कुछ होगा, समय नहीं होगा। ‍क्योंकि समय के साथ ही चिंताएंतं  आती हैं। समय के साथ ही दौड़ आती है। समय के साथ ही वासना आती है। समय के साथ ही इच्छा का जन्म होता है।

समय के साथ ही पर की आकांक्षा पैदा होती है। समय के साथ ही यहां नहीं, कहीं और हमारे सुख का साम्राज्य निर्मित हो जाता

है। इसलिए स्त्रैण-चित्त के ये गुण भी खयाल में रखेंगे, तो अगले सूत्र को कल समझना हमें आसान हो सकेगा। 

आज इतना ही । कीर्तन में पांच मिनट सम्मिलित हों। जो लोग वहां कीर्तन में सम्मिलित होना चाहें, भयभीत न हों। पास-पड़ोस के लोगों को भूल जाएं और

कीर्तन में डूबें।

"ओशो ताओ उपनिषद"


Maaks used to withdraw from the British Museum when he fainted while reading and writing.  Often she is taken to an unconscious house.  And his wife was surprised that you are crazy!  what are you doing ?  Will it be written down?  Even his book was not ready to print.  The woman could not think, what is the benefit of this!  This book cannot even be sold.  On the contrary, it was expensive.  Max wrote Capitol, more than he sold his book, he had smoked a cigarette to write it.  So it was expensive.  And was brought home unconscious.  Was pushed out of the library;  Because the library is closed and it does not move, he is sitting in his chair.  Peon is saying, move!  And he is saying, let me write a little more.

 What is this for?  It is a fantasy of the future that someday communism will come!  There is no specious sense, no sense of place.  No woman can do this.  Now and here!  If something can happen here, then!  There is no realization of time in its difference.  Lao Tzu believes that if the realization of time is lost, you will become feminine.

 That's why all the seekers of the world have said that meditation will be available only when time runs out.  When there is no time.

 Someone has asked Jesus what would be special about your heaven?  So they said, there shell be time no longer.  The special thing Jesus told that there would be no time.  There will be no time.  And everything will happen, there will be no time.  Because with time there are concerns.  Race comes with time.  With time lust comes.  Desire is born over time.

 Over time, the aspiration is born.  With time, our empire of happiness would not have been built anywhere else is. Therefore, these qualities of feminine mind will also be taken into consideration, so we will be able to understand the next sutra tomorrow.

Today only this much.  Join the Kirtan for five minutes.  Those who want to join Kirtan there, do not be afraid.  Forget people from the neighborhood and

 Drown in the kirtan.

 "Osho Tao Upanishad"



कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

यह ब्लॉग खोजें