स्वर्ग और पृथ्वी के बीच का आकाश कैसा धौंकनी की तरह है!
इसे रिक्त कर दो, फिर भी इसकी शक्ति अखंडित रहती है;
इसे जितना ही चलाओ, उतनी ही हवा निकलती है।
शब्द-बाहुल्य से बुद्धि निशेष होती है।
इसलिए अपने केंद्र में स्थापित होना ही श्रेयस्कर है।
"ओशो ताओ उपनिषद"
What a blower is like the sky between heaven and earth!
Empty it, yet its power remains intact;
The more you drive it, the more air comes out.
Wisdom is marked by word-abundance.
Therefore it is best to establish at its center.
"Osho Tao Upanishad"
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें