Snehdeep Osho Vision

 लाओत्से कहता है, इस स्त्रैण रहस्य को ठीक से समझ लें। यह घाटी की जो आत्मा है, इसे ठीक से समझ लें । यह घाटी की आत्मा

कभी थकती नहीं। यह कभी मरती नहीं। यह जो निषेध है, यह जो न करने के द्वारा करने की कला है, यह जो बिना आक्रमण के 

आक्रमण कर देना है, यह बिना बुलाए बुला लेने का जो राज है, इसे ठीक से समझ लें। ‍क्योंकि लाओत्से कहता है, इस राज को समझ कर ही कोई जीवन के परम सत्य को उपलब्ध कर सकता है। हम पुरुष की तरह नियम सत्य को कभी नहीं पा सकते, ‍क्योंकि परम सत्य पर कोई आक्रमण नहीं किया जा सकता। कोई हम बंदकूें और तलवारें लेकर परमात्मा के मकान पर कब्जा नहीं कर लेंगे।

परमात्मा को केवल वही पा सकते हैं, जो स्त्रैण रहस्य को समझ गए , जिन्होंने अपने को इतना समर्पित किया, इतना छोड़ा, लेट गो, कि परमात्मा उनमें उतर सके। ठीक वैसे ही, जैसे स्त्री पुरुष के प्रेम में अपने को छोड़ देती है; कुछ करती नहीं, बस छोड़ देती है; और पुरुष उसमें उतर पाता है।

एक बहुत अनूठी बात जो इधर दस वर्षो में खयाल में आनी शुरू हुई। ‍क्योंकि वास्तविक स्त्री खो गई है दुनियां से। और जो स्त्री है, 

वह बिलकुल सूडो है, वह पुरुष के दुनियां  बनाई गई है, वह बिलकुल बनावटी है। जिसको हम आज स्त्री कह कर जानते हैं, वह पुरुष के दुनियां बनाई गई गुड़िया से ज्यादा नहीं है। वह स्वाभाविक स्त्री नहीं है, जैसी होनी चाहिए ।


"ओशो ताओ उपनिषद"

Lao Tzu says, understand this feminine mystery properly.  This is the soul of the valley, understand it properly.  Soul of this valley

 Never gets tired  It never dies.  It is the prohibition, it is the art of doing by not doing it, which is without attack

 Have to attack, understand the secret of calling without calling it.  Because Laotse says, only by understanding this secret can one attain the ultimate truth of life.  We, like men, can never find the rule truth, because there is no attack on the ultimate truth.  No one will take the house of God with guns and swords.

 Only those who have understood the divine mystery, who have devoted themselves so much, left so much, let go, that God can descend in them.  Just as a woman leaves herself in the love of man;  Doesn't do anything, just leaves;  And the man gets into it.

 A very unique thing that started coming here in ten years.  Because the real woman is lost from the world.  And the woman,

 She is absolutely sudo, she is created in the world of men, she is completely artificial.  What we know today as a woman is no more than a man-made doll.  She is not a natural woman, as she should be.


 "Osho Tao Upanishad"



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