Snehdeep Osho Vision

 यह जान कर आप हैरान होंगे कि जबा बच्चे पैदा होते हैं, तो सौ लडकियां पैदा होती हैं तो एक सौ सोलह लड़के पैदा होते हैं। प्रकृत

संतुलन को कायम रखती है। ‍क्योंकि पुरुष कमजोर है। हम सब यही सोेचते हैं कि पुरुष बहुत शक्तिशाली  है। वह सिर्फ पुरुष का

खयाल  है। पुरुष कमजोर है। इसलिए एक सौ सोलह लड़के पैदा करने पड़ते हैं और सौ लड़कियां। ‍क्योंकि चौदह वर्ष के होते-होते 

सोलह लड़के मर जाते हैं, और लड़के और लड़कियों का अनुपात बराबर हो जाता है। सोलह लड़के एक्सट्रा, अतिरिक्त, स्पेयर प्रकृत को पैदा करने पड़ते हैं। ‍क्योंकि पता है की सोलह लड़के सौ में से चौदह वर्ष की उम्र पाते-पाते मर जाएंगे।

स्त्रियों की औसत उम्र पुरुषों से ज्यादा है पांच वर्ष । अगर पुरुष सत्तर साल जीता है, तो स्त्रियां पचहत्तर साल जीती हैं। और स्त्रियां

जितना श्रम उठाती हैं शरीर से! ‍क्योंकि एक बच्चे को जन्म देने में जितना श्रम है, उतना एक एटम बम को जन्म देने में भी नहीं है। 

 एक स्त्री बीस बच्चे को जन्म दे और फिर भी पुरुष से पांच साल ज्यादा जीती है। स्त्रियां कम बीमार पड़ती हैं। और जो बीमारियां 

स्त्रियों को है , वे स्त्रियों की नहीं, पुरुषों ने जो समाज निर्मित किया है, उसकी परेशानी की वजह से हैं। स्त्रियां कम बीमार पड़ती हैं।

फिर भी जितनी बीमार पड़ती हैं, उसमें भी कोई सत्तर प्रतिशत कारण, पुरुषों ने जो ‍व्यवस्था की है वह है, स्त्रियां नहीं। ‍क्योंकि सारी ‍व्यवस्था पुरुष की है, मैन-डॉमिनेटेड है। और पुरुष अपने ढंग से ‍व्यवस्था करता है। उसमें स्त्री को एजस्ट होना पड़ता है। वह उसकी बीमारी का कारण है।

हिस्टीरिया पुरुषों के समाज में स्त्रियों को एडजस्ट होने का परिणाम है। अगर स्त्रियों का समाज हो और पुरुषों को उसमें एडजस्ट

होना पड़े , तो हिस्टीरिया इससे पांच गुना ज्यादा होगा। करीब-करीब सारे पुरुष पागल  हो जाएंगे। वह स्त्रियों का रेजिस्टेंस है,प्रतिरोधक शक्ति है कि वे सब पागल नहीं हो गई हैं। फिर भी स्त्रियांआपको क्रोधी दिखाई पड़ती हैं,ईर्ष्यालु दिखाई पड़ती हैं, उपद्र्व-कलह चौबीस घंटे वे जारी रखती हैं। उसका कुल कारण इतना है कि वे जो होने को पैदा हुई हैं, समाज उनको वह नहीं होने देता और कुछ और करवाने की कोशिश  करता है। उससे उनकी सृजनात्मक शक्ति विध्वंस की तरफ, परवर्शन की तरफ, विकृत की तरफ चली जाती है।

और पुरुषों ने स्त्रियों को इतना दबाया और इतना सताया, तो आमतौर से लोग समझते हैं–स्त्रियां भी यही समझती हैं–कि स्त्रियां 

कमजोर थीं, इसलिए पुरुषों ने इतना सताया।

मैं आपसे कहना चाहता हूं, जो जानते हैं वे कुछ और जानते हैं। वे यह जानते हैं कि स्त्रियां इतनी शक्तिशाली थीं कि अगर न दबाई गई होतीं, तो पुरुषों को उन्होंने कभी का दबा डाला होता। उनको बचपन से ही दबाने की जरूरत है; नहीं वे खतरनाक सिद्ध हो सकती हैं। स्त्रियों को सारी दुनियां में दबाए जाने का जो असली कारण है, वह असली कारण यह है कि वे इतनी शक्तिशाली सिद्ध हो सकती हैं, अगर बिना दबाई छोड़ दी जाएं , कि पुरुष बहुत मुश्किल में पड़ जाएगा। इसलिए उन्हें सब तरफ से रोक देना जरूरी है। और बचपन से रोक देना जरूरी है।

और रुकावट करीब-करीब वैसी है, जैसे चीन में हम स्त्रियों को लोहे के जूते पहना देते थे। फिर उनका पैर बड़ा नहीं हो पाता था। फिर

वे स्त्रियां दौड़ नहीं सकती थीं, चल नहीं सकती थीं ठीक से, भाग नहीं सकती थीं। सच तो यह है, उन्हें सदा ही पुरुष के कंधे के सहारे की जरूरत थी। और फिर पुरुष उनसे कहता था: नाजुक, डेलिकेट। और नाजुक होने को पुरुष ने एक मूल्य बना दिया, एक वैल्यू बना दिया। ‍क्योंकि स्त्री नाजुक हो, तो ही उस पर काबू किया जा सकता है।

स्त्री पुरुष से ज्यादा मजबूत सिद्ध हो सकती है, अगर उसको पूरा विकसित होने दिया जाए । ‍क्योंकि प्रकृत ने उसे जन्म की शक्ति

दी है। और जन्म की शक्ति सदा उसके पास होती है, जो ज्यादा शक्तिशाली है। अन्यथा गर्भ को खींच लेना असंभव हो जाएगा।


"ओशो ताओ उपनिषद"


You will be surprised to know that when children are born, then a hundred girls are born, then one hundred and sixteen boys are born.  Prakrit

 Maintains balance  Because man is weak.  We all think that man is very powerful.  He is only male

 It is a thought  The man is weak.  So one hundred sixteen boys have to be born and one hundred girls.  As they were fourteen years old

 Sixteen boys die, and the ratio of boys and girls becomes equal.  Sixteen boys have to produce extra, spare, spare nature.  Because it is known that sixteen boys will die at the age of fourteen out of a hundred.

 The average age of women is five years more than men.  If a man lives seventy years, then women live seventy-five years.  More women

 How much labor it takes from the body!  Because there is as much labor in giving birth to a child as there is not even in giving birth to an atom bomb.

  A woman gives birth to twenty children and still lives five years more than a man.  Women are less ill.  And diseases

 Women are, they are not women, because of the problem of the society that men have created.  Women are less ill.

 Yet, as much as seventy percent of the people who fall ill, the arrangement that men have made is not women.  Because the whole system is of man, man-dominated.  And the man arranges in his own way.  A woman has to agitate in it.  He is the cause of her illness.

 Hysteria is the result of men adjusting to women in society.  If women have a society and men adjust to it

 If it were to occur, the hysteria would be five times more.  Almost all the men will go mad.  She is the resistance of women, the resistance force that they have not all gone mad.  Yet women appear angry to you, jealous, and they continue twenty-four hours of disturbance.  The total reason for this is that the society does not allow them to happen and tries to get them done.  This leads to his creative power towards destruction, perversion, distortion.

And men pressed women and persecuted them so much, so usually people think that women understand this too - that women

Weak, so men persecuted so much.

 I want to say to you, those who know know something else.  They know that women were so powerful that if they had not been pressed, they would have suppressed the men.  They need to be suppressed since childhood;  No, they can prove dangerous.  The real reason for pressing women all over the world is that the real reason is that they can prove to be so powerful, if left unchecked, that the man will be in great difficulty.  Therefore it is necessary to stop them from all sides.  And it is necessary to stop from childhood.

And the blockage is almost the same as in China we used to wear women with iron shoes.  Then his legs could not grow up.  Again

Those women could not run, could not walk properly, could not run.  The truth is, he always needed the support of the man's shoulder.  And then the man used to say to them: Delicate, Delicate.  And being fragile has made man a value, a value.  Because a woman is fragile, only she can be controlled.

A woman can prove stronger than a man, if she is allowed to develop fully.  Because Prakrit gave her the power of birth

Has given  And he always has the power of birth, which is more powerful.  Otherwise it will be impossible to pull the womb.


 "Osho Tao Upanishad"



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