Snehdeep Osho Vision

 स्त्री का ‍व्यक्तित्व रिसेप्टिव, ग्राहक है। यह न केवल ‍व्यक्तित्व है, बल्कि शरीर की संरचना भी प्रकृत ने ऐसी ही की है कि स्त्री का

शरीर केवल ग्राहक है। पुरुष का शरीर आक्रामक है। लेकिन सजृन होता है स्त्री से, जन्म होता है स्त्री से। आक्रमण करता है पुरुष, जो कि बिलकुल सांयोगिक है, जिसके बिना चल सकता है। और जन्म होता है स्त्री से, जो केवल ग्राहक है।

वैज्ञानिक कहते हैं, जब भी कहीं जन्म होता है, तो अंधेरे में; बीज फूटता है, तो जमीन के अंधेरे में। रोशनी में ले आओ, और बीज 

फूटना बंद कर देता है। एक ‍व्यक्ति जन्मता है, तो मां के गर्भ के अंधकार में, निपट गहन अंधकार में। प्रकाश में ले आओ, जन्म 

मृत्यु बन जाती है। जीवन में जो भी पैदा होता है सूत्र रहस्य का, वह सदा अंधकार में, गुप्त और छिपे हुए जगत में होता है। और

गुप्त वही हो सकता है, जो एग्रेसिव न हो, आक्रमक न हो। जो आक्रामक है, वह गुप्त कभी नहीं हो सकता।

इसलिए पुरुष के ‍व्यक्तित्व में सतह बहुत होती है, गहराई नहीं होती उतनी। स्त्री के ‍व्यक्तित्व में सतह बहुत कम होती है, गहराई 

बहुत ज्यादा होती है। और यही कारण है कि पुरुष जल्दी थक जाता है और स्त्री जल्दी नहीं थकती। आक्रमण थका देगा। इसलिए

पुरुष -वेश्याएं नहीं हो सकीं, ‍क्योंकि कोई पुरुष वेश्या नहीं हो सकता। एक संभोग, थक जाएगा। स्त्री वेश्या हो सकी; ‍क्योंकि पचास

संभोग भी उसे नहीं थका सकते। वह सिर्फ रिसेप्टिव है, वह कुछ करती ही नहीं। इसलिए एक अनोखी घटना घटी कि पुरुष वेश्या

नहीं हो सके, स्त्रियां वेश्या हो सकीं। पुरुष बलात्कारी हो सके,स्त्रियां बलात्कारी नहीं हो सकीं। पुरुष गुंडे हो सके, स्त्रियां गुंडे नहीं हो

सकीं। लेकिन स्त्रियां वेश्या हो सकीं, पुरुष वेश्या नहीं हो सके। और कायण कुल इतना है कि पुरुष का सारा ‍व्यक्तित्व आक्रामक है।

जो आक्रमण करेगा, वह थक जाएगा।


"ओशो ताओ उपनिषद"


The personality of a woman is the receptive, the client.  This is not only the personality, but the structure of the body is also done by Prakrit in such a way that

 The body is only the customer.  Male body is aggressive.  But it is decorated with a woman, a woman is born.  Invades a male, who is perfectly combative, without which he can walk.  And is born to a woman, who is only a customer.

 Scientists say, whenever there is a birth, in the dark;  The seed bursts, then in the darkness of the ground.  Bring to light, and seeds

 Stops erupting.  A person is born, then in the darkness of the mother's womb, in the deep darkness.  Bring to light, birth

 Death is created.  Whatever is born in life, the sutra is of mystery, it is always in darkness, secret and hidden world.  And

 The secret may be one which is not aggressive, not aggressive.  What is offensive can never be secret.

 Therefore, in the personality of a man, there is a lot of surface, not much depth.  Surface is very low in woman's personality, depth

 Is too much.  And this is why the man gets tired quickly and the woman does not get tired soon.  The attack will make you tired.  Hence

 Men - women could not have sex, because no man could be a prostitute.  An orgasm will be tired.  The woman could be a prostitute;  Because fifty

 Even intercourse cannot make him tired.  She is just receptive, she doesn't do anything.  So a unique incident happened that the male prostitute

 Could not be, women could become prostitutes.  Men could not be rapists, women could not be rapists.  Men can be goons, women are not goons

 Could  But women could become prostitutes, men could not become prostitutes.  And the work is so total that the entire personality of the man is offensive.

 He who attacks will be tired.


 "Osho Tao Upanishad"



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