Snehdeep Osho Vision

 कचरा हमारे शरीर में ही नहीं है, मन में और भी ज्यादा है। और शरीर से ही मल-मूत्र का त्याग होता हो, ऐसी भूल में मत पड़ना, मन से भी मल-मूत्र का दिन-रात त्याग करना पड़ता है। इसलिए आप किसी के प्रति चौबीस घंटे प्रेम से भरे नहीं रह सकते। नहीं तो मल मूत्र का त्याग कहां करिएगा ? उसके प्रति घृणा आपको बतानी पड़ेगी। जैसे हर घर में हमें गुसलखाने का इंतजाम करना पड़ता है, हर मन में घृणा का भी इंतजाम करना पड़ता है। वहां कचरा इकट्ठा हो जाता है; फिर वह कहां निकलेगा ?

लाओत्से कहता है, वे संत द्वंद में नहीं जीते। वे न किसी को प्रेम करते हैं, और इसलिए ही वे किसी को घृणा नहीं करते।

लाओत्से कहता है, कि वे किसी को प्रेम नहीं करते, ‍क्योंकि वे किसी को घृणा नहीं करते। वे किसी पर दया नहीं करते, ‍क्योंकि वे किसी के प्रति क्रूर और कठोर नहीं हैं। 

वे किसी को कभी क्षमा नहीं करते, ‍क्योंकि वे कभी क्रोध नहीं करते हैं। इस द्वंद को ठीक से समझ लें। 

लाओत्से जैसे लोग बहुत बड़ी भीड़ को प्रभावित नहीं कर पाते। ‍क्योंकि भीड़ तो उनसे प्रभावित होती है, जो उनके अहंकार को फुसलाने की कला जानते हों। सेल्समैनशिप, आदमी के साथ सारा काम कला का है। अमेरिका में हजारों किताबें लिखी जाती हैं इधर इन बीस वर्षों में, जो लोगों को सिखाती हैं कि हाऊ टु इनफ्लुएंस पीपुल, हाऊ टु विन फ्रेंड्स! कैसे जीतें लोगों का दिल, पतियों को कैसे 

पकड़े,पत्नियों को कैसे फंसाएं, ग्राहक को कैसे माल बेचें ! हजार-हजार रास्ते समझाती हैं। सब रास्तों का सार एक है कि दूसरे आदमी के अहंकार को कैसे फुसलाएँ ।

अगर एक कुरूप से कुरूप स्त्री भी आपके अहंकार को फुसलाने में समर्थ हो जाए , तो मुमताज और नूरजहां दो कौड़ी की हो जाती हैं । सौंदर्य स्त्री के शरीर में कम, उसके परसुएशन में है। इसलिए कई दफा कुरूप स्त्रियां चमत्कार पैदा कर देती हैं और सुंदर स्त्रियां पीछे ‍क्यू में खड़ी रह जाती हैं। कई बार साधारण बुद्धि का आदमी प्रभावशाली नेता हो जाता है और असाधारण बुद्धि के आदमी को कोई पूछने वाला नहीं मिलता। राज ‍क्या है? वह जानता है की दूसरे के अहंकार को कैसे फुसलाएँ।

इस जगत में कोई चीज नहीं बिकती और न कोई चीज कब्जा की जा सकती है, जब तक आप दूसरे के अहंकार पर तरकीबें न सीख

लें। और दूसरे के अहंकार को फुसलाने से आसान ‍क्या है! बहुत आसान है। ‍क्योंकि दूसरा फिसलने को राजी ही है। सदा तैयार है, इसी उत्सुकता में है कि आप फिसलाओ। आप एक कदम सरकाओ, वह दस कदम गिरने को तैयार है!

लाओत्से जैसा आदमी प्रभावी नहीं हो सकता, क्योंकि वह कहता है, तुम्हारा अहंकार सिवाय घास-निर्मित कुत्ते के और कुछ भी नहीं।


"ओशो ताओ उपनिषद"


Garbage is not only in our body, it is more in the mind.  And do not forget to leave feces and urine from the body, mind

 You also have to sacrifice feces and urine day and night.  Therefore, you cannot be filled with love for anyone round the clock.  Otherwise, where will you pass the stool urine?  You have to show hatred towards him.  Just like in every house we have to make arrangements for bathroom, in every mind we also have to arrange hatred.  Garbage gets collected there;  Then where will it come out?

Lao Tzu says, they do not live in saint duality.  They don't love anyone, and that's why they don't hate anyone.

 Lao Tzu says that they do not love anyone, because they do not hate anyone.  They do not pity anyone, because they are not cruel and harsh towards anyone.

 They never forgive anyone, because they never get angry.  Understand this duality properly.

 People like Laotse are not able to influence a large crowd.  Because the crowd is influenced by those who know the art of luring their ego.  Salesmanship, all work with man is art.  Thousands of books are written in America here in these twenty years, which teach people how to influen people, how to win friends!  How to win people's hearts, how to get husbands

How to catch, trap wives, how to sell goods to the customer!  They explain a thousand ways.  The essence of all the paths is how to lure the ego of another man.

 If even an ugly woman is able to seduce your ego, then Mumtaz and Nur Jahan become two clamshells.  Beauty is less in the body of the woman, in her perussion.  So many times ugly women create miracles and beautiful women stand in queue behind.  Many times a man of ordinary intelligence becomes an influential leader and a man of exceptional intelligence does not get any inquirer.  What is Raj?  He knows how to lure another's ego.

Nothing is sold in this world and nothing can be captured, unless you learn tricks on the ego of another Take it.  And what's easier than luring another's ego!  is very easy.  Because the second one is ready to slip.  Always ready, in this eagerness to slap.  You move one step, it's ready to fall ten steps!

A man like Laotse cannot be effective, because he says, your ego is nothing but a grass-fed dog.


 "Osho Tao Upanishad"



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