इसकी उद्वेलित तरंगें जलमग्न हो जाएं।’
यह जो विक्षिप्त अहंकार है,यह जो पूर्ण होने की विक्षिप्त आकांक्षा है, इसकी उद्वेलित तरंगें, इसकी विक्षिप्त तरंगें, इसकी पागल हो गई लहरें जलमग्न हो जाएं ! झील में सो जाएं !
― और फिर भी यह अथाह जल की तरह तमोवृत सा रहता है।’
और जब यह सब हो जाएगा, तब भी सब एक रहस्य है। तब भी सब हल हो जाएगा, यह मत समझना। तब भी सब उत्तर मिल
जाएंगे…यह बहुत कीमती है, अंतिम जो पंक्ति है।
―फिर भी यह अथाह जल की तरह तमोवृत सा रहता है।’
जैसे अथाह हो जल ! जल जितना कम हो, उतना शुभ मालूम होता है; जितना ज्यादा हो जाए , उतना नीलवर्ण का हो जाता है। और अथाह हो जाए , तो काला हो जाता है। अगर ठीक से समझें, तो डार्कनेस जो है, वह रहस्य का सिंबल है। ध्यान रहे, प्रकाश में रहस्य नहीं है, रहस्य तो अंधकार में है। प्रकाश एक अर्थ में छिछला है। अंधेरे में बड़ी गहराई है,बड़ी डेप्थ है, एबिसिमल डेप्थ है, ओर-छोर नहीं है। पूरी पृथ्वी प्रकाश से भरी हो, तो भी प्रकाश का दायरा छोटा है; और एक छोटा सा कमरा भी अंधकार से भरा हो, तो अनंत है। इसको थोड़ा खयाल में ले लें। यह पूरी पृथ्वी प्रकाश से भरी हो, तो भी सीमित है। सीमा बनाता है प्रकाश। यह छोटा सा कमरा अंधकार से भरा हो, तो कमरे की कोई सीमा नहीं है; असीम है। छोटा सा अंधकार भी असीम है; बड़े से बड़ा प्रकाश भी असीम नहीं है।
लाओत्से कहता है, यह सब हो जाएगा,फिर भी यह अथाह जल की तरह तमोवृत सा रहता है। यह जो अस्तित्व है, यह अथाह जल जैसे अंधकार में डूबा हो, असीम, रहस्य से आवृत , कहीं ओर-छोर का कोई पता न चलता हो।
"ओशो ताओ उपनिषद"
Its stirring waves are submerged. '
This is the deranged ego, the deranged aspiration to be fulfilled, its raging waves, its deranged waves, its mad waves submerged! Sleep in the lake
- And yet it remains like waterless water. '
And when all this is done, all is still a mystery. Do not understand that everything will be solved even then. Still get all the answers
Will go… It is very precious, the last is the line.
Even then it remains like waterless water. '
Like water is infinite! The lower the water, the more auspicious it appears; The more it becomes, the more it becomes of Nilavarna. And when it becomes unfathomable, it becomes black. If properly understood, then what is Darkness is a symbol of mystery. Keep in mind, there is no mystery in light, mystery is in darkness. Light is shallow in a sense. Darkness has great depth, large depth, abysmal depth, no side-ends. Even if the whole earth is full of light, the scope of light is small; And even if a small room is filled with darkness, it is infinite. Take this into consideration. It is limited even if the whole earth is full of light. The border creates light. If this small room is full of darkness, there is no limit to the room; is unlimited. Little darkness is also infinite; Even the biggest light is not infinite.
Lao Tzu says, all this will happen, yet it remains like waterless water. This existence, which is immersed in the darkness like infinite water, infinite, is covered with mystery, there is no trace of ends anywhere.
"Osho Tao Upanishad"
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