हमारी सारी की सारी योजना, हमारे शब्द, हमारी भाषा,हमारे सिद्धांत,हमारी शराबें, हमारे सिनेमागृह,हमारे नाचघर,हमारे मनोरंजन,बहुत गहरे में सुरक्षा के आयोजन हैं। सब तरह से। हमारे मंदिर, हमारी मस्जिदें, गुरुद्वारे, वह सब हमारे सुरक्षा के आयोजन हैं। डरे हैं, कहीं कोई इंतजाम कर लिया है। और जब भी कोई डरता है, तो उसको धारें रखनी पड़ती हैं अपने चारों तरफ कई तरह की। इन नोकों को कौन तोड़ सकता है ? इन नोकों को वही तोड सकता है, जो इनसिक्योरिटी में रहने को राजी है।
लाओत्से की दृष्टि को समझ कर अलेन वाट ने एक किताब लिखी है। किताब का नाम है: विजडम ऑफ इनसिक्योरिटी,असुरक्षा की
बुद्धिमत्ता। सुरक्षा बड़ी मूढ़तापूर्ण बात है। क्योंकि हम सुरक्षित कुछ नहीं कर पाते; कोशिश में खुद मर जाते हैं और मिट जाते हैं।
असुरक्षित रहने की बुद्धिमत्ता! नहीं, हम कोई नोक खड़ी न करेंगे, हम कोई पहरा न बनाएंगे। और जिंदगी आक्रमण करेगी, तो हम स्वागत कर लेंगे।
"ओशो ताओ उपनिषद"
All our plans, our words, our language, our principles, our liquor, our cinemas, our dance halls, our entertainment, security are organized in a very deep way. all the way. Our temples, our mosques, gurudwaras are all our security programs. Afraid, someone has arranged somewhere. And whenever someone is afraid, he has to keep a lot of streaks all around him. Who can break these points? These points can be broken only by those who are ready to stay in inscurity.
Alain Watt has written a book, understanding Lao Tzu's vision. The name of the book is: Wisdom of insecurity, of insecurity
Intelligence. Security is a foolish thing. Because we cannot do anything safe; In an attempt, he dies and dies.
Intelligence to be insecure! No, we will not erect a tip, we will not make any guard. And if life strikes, we will be welcome.
"Osho Tao Upanishad"
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