लाओत्से यह कह रहा है कि प्रकृति इसे ऐसा बनाती है और उसे वैसा बनाती है। हम चूंकि इस प्रकृत स्वीकार नहीं कर पाते और एक के साथ पद-मर्यादा जोड़ देते हैं और दूसरे के साथ पदहीनता जोड़ देते हैं, तो हम विग्रह और कलह और संघषि को जन्म देते हैं।
इसका अर्थ यह हुआ की हम कभी यह नहीं देख पाते की प्राकृतिक क्या है,स्वाभाविक क्या है। हम अपनी आकांक्षाओं को प्रकृति पर
थोप कर विचार करते हैं।
लाओत्से है प्रकृतिवादी, वह है स्वभाववादी। ताओ का अर्थ होता है, स्वभाव। वह कहता है, हम ऐसे हैं। और ऐसा अपने को ही नहीं
कहता,वह दूसरे को भी कहता है की दूसरा ऐसा है।
"ओशो ताओ उपनिषद"
Lao Tzu is saying that nature makes it like that and makes it like that. Since we cannot accept this nature and
If we add dignity and dignity to the other, then we give birth to Deity and discord and conflict.
This means that we can never see what is natural, what is natural. We can fulfill our aspirations on nature
Let's consider by imposing.
Lao Tzu is a naturalist, he is a naturalist. Tao means nature. He says, we are like this. And not yourself
Saying, he also tells the other that the other is like this.
"Osho Tao Upanishad"
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