लाओत्से कहता है, मत मेहनत उठाओ, क्योंकि कोई किनारा होता, तो तैर कर पहुंच भी जाते। कोई किनारा है नहीं। मत मेहनत
उठाओ, बह जाओ। लाओत्से कहता है, कोई मंजिल नहीं है; यह सागर ही मंजिल है। कहीं कोई मंजिल नहीं है, जिसमें में तुम तैर कर पहुंच जाओगे। यह सागर ही मंजिल है, इसमें ही निमज्जित हो जाना है। इसी में एक हो जाना है। तैरोगे तो लड़ते रहोगे। लड़ोगे तो
तो एक कैसे होओगे ? सागर से अलग बने रहोगे।
समझ कर जो काम अभी हो सकता है, थक कर वह जन्मों में होता है। बस, एक टाइम गैप का फर्क पड़ता है। और कोई फर्क नहीं पड़ता है।
ओशो ताओ उपनिषद
Lao Tzu says, don't pick hard, because if there was an edge, you would have reached by swimming. There is no edge Don't work hard Pick up, get carried away. Laotse says, there is no floor; This ocean is the destination. There is no destination in which you will swim. This ocean is the destination, it has to be submerged in it. In this one has to become one. If you swim, you will keep fighting. If you fight So how will you be one? You will remain separate from the ocean.
Understanding the work that can be done now, it takes place in births. Just a time gap makes a difference. And there is no difference.
Osho Tao Upanishad
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