मोक्ष मनुष्य का स्वभाव है; संसार मनुष्य का विभाव है।
संसार बंधी हुई मुट्ठी जैसा है; मोक्ष खुली हुई मुट्ठी जैसा है।
लाओत्से कहता है, तुम पूछते हो की खोलने के लिए क्या करें ! बांधने के लिए कोई पूछता है क्या करें, तो समझ में आता है। खोलने
के लिए कुछ नहीं करना है, सिर्फ खोल दो। जस्ट ओपन हट।
जहां-जहां तनाव की मुट्ठी है, वहां-वहां कुछ-कुछ हमने कुछ पकड़ा है। मालकियत छोड़ दो। तो हमारी सारी मालकियत का ही तो सारा खेल है ।
ओशो ताओ उपनिषद
Salvation is man's nature; The world is a man's influence.
The world is like a clenched fist; Moksha is like an open fist.
Lao Tzu says, you ask what to open! To tie someone asks what to do, then it makes sense. Opening Nothing to do, just unwind. Just Open Hut.
Wherever there is a grasp of tension, there is something we have caught. Leave the property So all our ownership is the whole game.
Osho Tao Upanishad
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें