ध्मान रहे, धन बेकार है, यह समझने में बहुत बुद्धिमत्ता की जरूरत नहीं है, लेकिन धर्म बेकार है, इसे समझने में बड़ी बुद्धिमत्ता
की जरूयत है। मैंने कहा कि बुद्धू से बुद्धू भी समझ लेगा एक दिन की धन बेकार है, और बुद्धिमान से बुद्धिमान भी नहीं समझ
पाता कि धर्म भी बेकार है। असल में, बेकार का मतलब यह है कि जिस चीज पर भी मुट्ठी बांधनी पड़ती है बेकार है। क्योंकि
जिस चीज पर आप मुट्ठी बांधते हैं, उसी के आप गुलाम हो जाते हैं। क्लिंगिंग, वह जो मुट्ठी का बांधना है, गुलामी शुरू हो जाती है।
लाओत्से कहता है, इच्छादि से मुक्त कर देते हैं।
ज्ञानी यह नहीं कहता कि इच्छाओं से मुक्त हो जाओ। यह भी ध्यान रखें। क्योंकि अगर ज्ञानी आपसे यह कहे कि इच्छाओं से मुक्त
हो जाओ, तो आप फौरन पूछेंगे, किसलिए ? फार व्हाट? और तब ज्ञानी को बताना पड़ेगा की मोक्ष के लिए , शाश्वत आनंद के लिए,
परमात्मा के लिए , स्वर्ग के लिए । फिर तो इच्छा का जाल शुरू हो गया। जो भी आपको कहेगा, इच्छाओं से मुक्त हो जाओ, वह
आपको नई इच्छा जन्माएगा । क्योंकि आप उससे पूछेंगे, क्यों ?
नहीं, लाओत्से जैसा ज्ञानी पुरुष यह नहीं कहता, इच्छाओं से मुक्त हो जाओ। वह सिर्फ इच्छा क्या है, इसे जाहिर कर देता है। बता
देता है, यह रही इच्छा। दिस इज़ दि फैक्ट, यह है तथ्य। वह बता देता है कि यह रही दीवार , इससे निकालोगे तो सिर टूट जाएगा। वह
यह नहीं कहता कि सिर मत तोडो । क्योंकि आप पूछोगे, क्यों न तोडे ? आप पूछेंगे, क्यों न तोडे ? वह यह नहीं कहता कि इस दीवार से मत निकलो। क्योंकि आप पूछेंगे, क्योंकि न निकलें ? कोई प्रलोभन है कहीं और से जाने का?
ध्यान रहे, वह आपको कोई पाजेटिव डिजायर नहीं देता की इसलिए ऐसा मत करो ; वह तो इतना ही बता देता है की ऐसा करोगे तो ऐसा होता है।
"ओशो ताओ उपनिषद"
Honor, there is no need for much intelligence to understand that money is useless, but religion is useless, great intelligence to understand it
Is needed I said that even a fool would understand a day's worth of money, and not even a wise man would understand
Finds that religion is also useless. Basically, useless means that anything that requires a fist is useless. Because
You are enslaved by what you fist. Klinging, the one that is bound to fist, slavery begins.
Lao Tzu says, free from desire.
The knower does not say to be free from desires. Keep this in mind also. Because if the wise person tells you that free from desires
Now, you will ask immediately, for what? Farwhat? And then the gyani will have to tell, for salvation, for eternal bliss,
For heaven, for heaven. Then the trap of desire started. Whoever tells you, get rid of desires, he
Will give you a new desire Because you ask him why?
No, a wise man like Laotse does not say, be free from desires. That is just what he wants, he reveals it. Tell
Gives, there is this desire. This is the fact, this is fact. He tells that this wall, if taken out of it, the head will break. She
It does not say do not break your head. Because you ask, why not break it? You ask, why not break it? He does not say do not get out of this wall. Because you ask, why not leave? Is there a temptation to go somewhere else?
Remember, he does not give you a positive desire, so do not do it; He only tells so much that this happens if you do this.
"Osho Tao Upanishad"
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