Snehdeep Osho Vision

लाओत्से की सारी चीजें प्रयोग करने जैसी हैं। और प्रयोग करेंगे, तो ख्याल में ज्यादा गहरा आएगा।
मुझे सुन लेंगे, उतने से बात बहुत साफ़ नहीं होगी। मुझे सुन कर लगेगा भी कि समझ गए , तो भी समझ में नहीं आएगा। यह समझ
ऐसी ही होगी, जैसे अंधेरे में थोड़ी सी बिजली कौंध जाए । एक क्षण को लगे कि सब दिखाई पड़ने लगा, और फिर क्षण भर बाद अंधेरा
हो जाए। ‍क्योंकि आपका जो अपना तर्क है, वह तर्क लंबा है। वह जन्मों-जन्मों का है। जन्मों-जन्मों का जो तर्क है, वह तो कलह का है, संघर्ष का है। इस संघर्ष के तर्क की लंबी यात्रा में जरा सी बिजली कौंध जाए कभी सहयोग की किसी की बात से, तो वह कितनी देर टिकेगी ? जब तक की आप सहयोग के लिए भी कोई प्रयोग न करें , जब तक कि आपके संघर्ष के अनुभव के विपरीत सहयोग का अनुभव भी खड़ा न हो जाए । उसे थोड़ा प्रयोग करें । एक सात दिन का नियम । किसी भी सूत्र को समझने के लिए कम से कम सात दिन का नियम ले लें कि कल सुबह से सात दिन तक सहयोग करूंगा, चाहे कुछ भी हो जाए । जहां-जहां संघर्ष की स्थिति बनेगी, वहां-वहां सहयोग करूंगा। और इस सूत्र का राज खुल जाएगा। इन सब सूत्रों का राज ‍व्याख्या से नही, प्रतीति से खुलता है। ‍व्याख्या से समझ में आ जाए इतना ही कि प्रयोग करने जैसा है, उतना काफी है। जीससे लड़े थे, उससे सहयोग कर लें। जिससे लड़े होते, उससे सहयोग कर लें। जिस परिस्थिति में अकड़ कर खड़े हो गए होते, उस परिस्थिति में लेट जाएं बह जाएं। और देखें, सात दिन में आप मिटे या बने ? देखें, सात दिन में आप कमजोर हुए कि
शक्तिशाली हुए ? देखें, सात दिन में आप खो गए की बचे ? देखें, सात दिन में की आप बीमार हैं या स्वस्थ ?
 और एक बिलकुल ही नए तरह के स्वास्थ्य का गुण अनुभव में आना शुरू हो सकता है।
"ओशो ताओ उपनिषद"
Everything in Lao Tzu is like experimenting.  If you use more, then the idea will get deeper.
 Will listen to me, it will not be very clear.  I will hear that even if you understand, I will not understand.  Understand this
 It will be like, a little lightning flashes in the dark.  It took a moment to see everything, and then after a moment of darkness
 Lets do it.  Because your own logic is long.  He is of many lives.  The logic of births and births is of discord, of struggle.  In the long journey of the logic of this struggle, if a little power flares up with someone for cooperation, then how long will it last?  As long as you do not do any experiment for cooperation, until the experience of cooperation also stands up against the experience of your struggle.  Use it a little bit.  A seven-day rule.  To understand any formula, take a rule of at least seven days that I will cooperate for seven days from tomorrow morning, whatever happens.  Wherever there will be a conflict situation, I will cooperate there.  And the secret of this sutra will be revealed.  The secret of all these sutras is opened not by interpretation, but by belief.  It can be understood from the interpretation that this much is like experimenting, that is enough.  Fight with Jesus, help him.  Support those with whom you fought.  In the situation in which you would have stood rigidly, lie down in that situation.  See more, are you finished in seven days?  See, you were weak in seven days
 Powerful?  See, you are lost in seven days?  See, in seven days, are you sick or healthy?
  And a completely new type of health can begin to be experienced.
 "Osho Tao Upanishad"

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

यह ब्लॉग खोजें