Snehdeep Osho Vision

मेरे लिए तो संन्यास का अर्थ यही है, जो लाओत्से कह रहा है। यही अर्थ है संन्यास का कि ऐसा ‍व्यक्ति, जिसने संकल्प छोड़ दिया, 
जिसने समर्पण स्वीकार कर लिया, जिसने इस जगत के साथ संघर्ष छोड़ दिया और सहयोगी हो गया। जो कहता है, मेरी शत्रुता नहीं; 
हवाएं जहां ले जाए , मैं चला जाऊंगा। जो कहता है, मेरी अपनी कोई आग्रह की बात नहीं की ऐसा हो; जो हो जाएगा,वही मुझे स्वीकार है। ऐसी कोई मंजिल नहीं, जहां मुझे पहुंचना है; जहां  जाऊंगा, कहूंगा यही मेरी मंजिल है। ऐसा ‍व्यक्ति संन्यासी है। और ऐसी संन्यास की भाव-दशा में जीवन का जो परम धन है, उसका द्वार, उस खजाने का द्वार खुल जाता है।
"ओशो ताओ उपनिषद"
To me, this is what Sannyas means, which Lao Tzu is saying.  This means renunciation that the person who gave up the resolve,
 The one who accepted the surrender, who gave up the struggle with this world and became an ally.  Who says, not my enmity;
 I will go where the winds take you.  Who says, I have no such request of my own;  I accept whatever will happen.  No such destination where I have to reach;  Wherever I go, this is my destination.  Such a person is a monk.  And in the spirit of such renunciation, the door to the supreme wealth of life, the door of that treasure opens.
 "Osho Tao Upanishad"

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