Snehdeep Osho Vision

लाओत्से का बस चले, तो दुनिया में कोई इकोनॉमिक्स न हो। लाओत्से का बस चले, तो दुनियां में अर्थशास्त्र नहीं होगा। ‍क्योंकि
लाओत्से यह कहता है, न्युन को कीमत ही ‍क्योँ देते हो? जो ज्यादा है, उस पर ध्यान दो। जो पर्याप्त है, उस पर ध्यान दो। जो सबको 
मिल सकती है, उसको आदरणीय बनाओ। जो सभी को कम मिल सकती है, उसकी बात छोड़ दो। कोई कोहनूर लटकाए फिरे , तो लटका कर फिरने दो।  खबर कर दो कि यह आदमी पागल हो गया है। यह देखते हो, कितना बड़ा पत्थर लटकाए हुए है गले में ! स्कूल-स्कूल, घर-
घर में बच्चों को समझा दो की यह आदमी पत्थर लटकाता है, इसका दिमाग खराब है। तो हम इस जगत को अनुद्विग्न, मनुष्य के
चित्त को अशांति के पार एक शांति के अलग जगत में ले जा सकते हैं।
सारी शिक्षा का आधार लाओत्से के हिसाब से और होना चाहिए : स्पृहा-मुक्त! नॉन-एंबिशस! महत्वकांक्षा नहीं। किसी से गणित बन जाती है, तो ठीक है। और नहीं बन जाती है, तो भी ठीक है। उतना ही ठीक है। जिससे गणित नहीं बन जाती, उससे ‍क्या बन सकता है, इसकी फिक्र करो, बजाय यह फिक्र करने के की उससे गणित बने ही। उसको नष्ट मत करो । उससे ‍क्या बन सकता है, इसकी फिक्र करो । कुछ जरूर बन सकता होगा। कुछ तो बन ही सकता होगा।
"ओशो ताओ उपनिषद"
If there is a bus to Laotse, there should be no economics in the world.  If Lao Tzu were to survive, there would be no economics in the world.  Because
 Lao Tzu says, why do you pay the price?  Pay attention to what is more  Pay attention to what is sufficient.  All of which
 Can be found, make him respectable.  Leave it to all who can get less.  If some cohanoor hangs, let it hang.  Report that this man has gone mad.  See, how big stones are hanging around the neck!  School-school
 Explain to the children at home that this man hangs a stone, his mind is bad.  So we translate this world, human
 One can take the mind beyond disturbance to a separate world of peace.
 The basis of all education should be more according to Laotse: Spraha-free!  Non-ambitions!  Not ambitious.  If someone makes math, it's okay.  Even if it is not made, it is okay.  Is equally fine.  What cannot be made of mathematics, worry about what can be made, instead of worrying about whether it becomes mathematics.  Do not destroy it.  What can be made of that, worry about it.  Something can definitely be made.  Something can be made.
 "Osho Tao Upanishad"

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