लाओत्से से साधु भी राजी न होगा। इसलिए लाओत्से ने जब ये बातें कहीं, तो चीन में बड़ी क्रांतिकारी बातें थीं। अभी भी क्रांतिकारी हैं
ढाई हजार साल बाद ,ये शायद अभी ढाई हजार साल और बीत जाए, तब भी क्रांतिकारी रहेंगी। क्योंकि लाओत्से से और बड़ी क्रांति क्या होगी ? लाओत्से कहता है की मैं जो हूं, ऐसे ही जैसे की नीम में कड़वा पत्ता लगता है, इसमें नीम का क्या कसूर ? और आम में
मीठा फल लगता है, इसमें आम का क्या गुण ? नीम को कर पीछे और नीेेचे हो और आम क्यों कर ऊपर बैठ जाए ? भला आपके लिए
उपयोगी हो, तो भी । आपकी उपयोगिता ऊंचाई-नीेचाई का कोई आधार नहीं है। साधुका, न्यायविद का, नीतिशास्त्री का जो विरोध होगा, वह समझ लेना चाहिए । वह विरोध यह होगा की समाज तो पतित हो जाएगा। लेकिन कोई भी यह नहीं देखता की समाज इससे
ज्यादा पतित और क्या होगा ? समाज पतित है; हो जाएगा नहीं। और जब समाज पतित है, तो नीतिशास्त्री कहता है की अगर हम
लाओत्से जैसे लोगों की बात मान लें, तो और बिगड़ जाएगी हालत।
लेकिन लाओत्से का कहना यह है की तुम्हीं ने बिगाड़ी है यह हालत। चोर को तुम निंदित करके सुधार तो नहीं पाते हो, निंदित करके
उसके बदलने की जो संभावना है, उसका द्वार बंद कर देते हो। असल में, जैसे ही हम तय कर लेते हैं निंदा और प्रशंसा, वैसे ही हम सीमाएं बांधना शुरू कर देते हैं। और जैसे ही हम निंदा और प्रशंसा के घेरे बनाने लगते हैं और किन्हीं को बुरा किन्हीं को अच्छा कहने लगते हैं, तो जिस व्यक्ति को हम बुरा कहते हैं, धीरे-धीरे हम उसे बुरा होने को मजबूर करते हैं; और जिस व्यक्ति को हम अच्छा कहते हैं, धीरे-धीरे हम उसे उसकी अच्छाई में भी पाखण्ड निर्मित करवा देते हैं।
"ओशो ताओ उपनिषद"
Even a monk will not agree with Lao Tzu. So when Lao Tzu said these things, there were many revolutionary things in China. Still revolutionary
After two and a half thousand years, it will probably be another two and a half thousand years, and will still be revolutionary. Because what will be the biggest revolution from Laotsay? Lao Tzu says that whoever I am, just like neem has bitter leaf, what is the fault of neem in it? And in common
Sweet fruit seems, what is the quality of mango in it? Go back and down neem and why do you sit on top of mango? Good for you
Even if useful. There is no basis for your usefulness. The opposition of the monk, the jurist, the ethicist must be understood. That protest will be that society will degenerate. But no one sees that the society
What will be more degenerate? Society is degenerate; Will not be done. And when society is degenerate, the ethicist says that if we
If people like Lao Tzu agree, the situation will worsen.
But Lao Tzu says that you have spoiled this condition. You don't get correction by condemning the thief, by condemning
You close the door to the possibility of changing it. Basically, as soon as we decide condemnation and praise, that's how we start drawing boundaries. And as we begin to surround condemnation and admiration and call someone bad as good, then the person we call bad, gradually we force him to be evil; And gradually the person whom we call good, we make him hypocrite in his goodness also.
"Osho Tao Upanishad"
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