यह सूत्र बहुत-बहुत महत्वपूर्ण है।
‘’ललाट के मध्य में सूक्ष्म श्वास (प्राण) को टिकाओ। जब सोने के क्षण में वह हृदय तक पहुंचेगा। तब स्वप्न और स्वयं मृत्यु पर अधिकार हो जाएगा।‘’
जब तुम नींद में उतर रहे हो, तभी इस विधि को साधना है, अन्य समय में नहीं । ठीक सोने का समय इस विधि के अभ्यास के
लिए उपयुक्त समय है।
तुम नींद में उतर रहे हो, धीरे-धीरे नींद तुम पर हावी हो रही है। कुछ ही क्षण में भीतर तुम्हारी चेतना लुप्त होगी। तुम अचेत
हो जाओगे। उस क्षण केआने के पहले तुम अपनी श्वास और उसके सूक्ष्म अंश प्राण के प्रति सजग हो जाओ। और उसे हृदय
तक जाते हुए अनुभव करो। अनुभव करते जाओ कि वह हृदय तक आ रहा है। हृदय तक आ रहा है। प्राण हृदय से होकर
तुम्हारे शरीर में प्रवेश करता है, इसलिए यह अनुभव करते ही जाओ कि प्राण हृदय तक आ रहा है। और इस निरंतर अनुभव
के बीच ही नींद को आने दो। तुम अनुभव करते जाओ और नींद को आने दो; नींद को तुमको अपने में समेट लेने दो।
यदि यह संभव हो जाए कि तुम अवश्य प्राण को हृदय तक जाते देखो और नींद को भी, तो तुम अपने सपने के प्रति भी सजग हो जाओगे। तब तुमको बोध रहेगा कि तुम सपना देखते हो तो तुम समझते हो कि यह यथार्थ ही है। वह भी तीसरी आँख के कारण ही संभव होता है। क्या तुमने किसी को नींद में देखा है। उसकी आंखे ऊपर चली जाती है, और तीसरी आँख में स्थिर हो जाती है। यदि नहीं देखा तो देखो। तुम्हारा बच्चा सोया है, उसकी आंखे खोलकर देखो कि उसकी आंखे कहां है। उसकी आँख की पुतलियाँ ऊपर को चढ़ी है। और त्रिनेत्र पर केंद्रित है। मैं कहता हूं कि बच्चे को देखो, सयानो को नहीं । सयाने भरोसे योग्य नहीं है। क्योंकि उनकी नींद गहरी नहीं है। वे सोचते भर है कि सोये है। बच्चे को देखो। उनकी आंखें ऊपर को चढ़ जाती है।
"ओशो विज्ञान भैरव तंत्र"
This formula is very important.
"Hold the subtle breathing (prana) in the center of the forehead. When he reaches the heart at the moment of sleep. Then the dream and death itself will be empowered. "
This method is practiced only when you are falling asleep, not at other times. Proper bedtime practice of this method
Is the appropriate time.
You are falling asleep, sleep is slowly dominating you. In a few moments your consciousness will disappear inside. You unconscious
Will be done. Before coming to that moment, you become aware of your breath and its subtle parts. And her heart
Experience going up to Keep feeling that it is coming to the heart. Coming to the heart. Through the heart
Enters your body, so go on feeling that life is coming to the heart. And this continuous experience
Let sleep come between You go on feeling and let sleep come; Let sleep engulf you.
If it becomes possible that you must watch the soul go to the heart and sleep, then you will also become aware of your dream. Then you will realize that if you dream, you understand that this is the reality. That is also possible due to the third eye. Have you seen anyone sleeping? His eye moves up, and becomes fixed in the third eye. If not seen then look. Your child has slept, open his eyes and see where his eyes are. The pupils of his eye have climbed upwards. And focuses on Trinetra. I say look at the child, not Sayano. It is not believable. Because their sleep is not deep. They think that they have slept. Look at the child. Their eyes go up.
"Osho Vigyan Bhairava Tantra"
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