Snehdeep Osho Vision

 जब ऩुरुष किसी स्त्री को प्रेम करता है, तो उसका प्रेम भी बौद्धिक होता है। वह उसे भी सोेचता-विचारता है। उसके प्रेम में भी गणित

होता है। स्त्री जब किसी को प्रेम करती है, तो वह प्रेम बिलकुल अंधा होता है। उसमें गणित बिलकुल नहीं होता। इसलिए स्त्री और

पुरुष के प्रेम में फर्क पाया जाता है। पुरुष का प्रेम आज होगा, कल खो सकता है। स्त्री का प्रेम खोना बहुत मुश्किल है।

और इसलिए स्त्री-पुरुष के बीच कभी तालमेल नहीं बैठ पाता। ‍क्योंकि आज लगता है प्रेम करने जैसा, कल बुद्धि को लग सकता है न करने जैसा। और आज जो कारण थे, कल नहीं रह जाएंगे। कारण रोज बदल जाएंगे। आज जो स्त्री सुंदर मालूम पड़ती थी, इसलिए प्रेम मालूम पड़ता था; कल निरंतर परिचय के बाद वह सुंदर नहीं मालूम पड़ेगी। ‍क्योंकि सभी तरह का परिचय सौंदर्य को कम कर देता है। अपरिचित में एक आकर्षण है। लेकिन स्त्री कल भी इतना ही प्रेम करेगी, ‍क्योंकि उसके प्रेम में कोई कारण न था। वह उसके पूरे अस्तित्व की पुकार थी। इसलिए स्त्री बहुत फिक्र नहीं करती कि पूरुष सुंदर है या नहीं। इसलिए पुरुष सौंदर्य की चिंता नहीं करता ।

स्त्री ने कोई मांग नहीं की है पुरुष से। उसका पुरुष होना पर्याप्त है। और स्त्री का प्रेम है, तो यह काफी कारण है। उसका प्रेम भी 

इंटयूटिव है; इंटलेक्चुअल नहीं है, बौद्धिक नहीं है।


"ओशो ताओ उपनिषद"


When a male loves a woman, his love is also intellectual.  He thinks about it too.  Mathematics also in his love

 it happens.  When a woman loves someone, that love is completely blind.  Mathematics is not there at all.  So woman and

 There is a difference in a man's love.  A man's love will be today, tomorrow may be lost.  It is very difficult to lose a woman's love.

 And so there is never a coordination between men and women.  Because today it seems like love, tomorrow intelligence can not be done.  And the reasons that were there today, will not cease tomorrow.  The reasons will change daily.  Today, the woman who looked beautiful, therefore loved;  After continuous introduction tomorrow, she will not look beautiful.  Because all kinds of introduction reduces beauty.  The unfamiliar has a charm.  But the woman will love the same thing tomorrow, because there was no reason in her love.  She was a call to his entire existence.  Therefore, the woman does not care much whether the man is beautiful or not.  Therefore, man does not worry about beauty.

 The woman has not made any demand from the man.  It is enough to be a man.  And if the woman is in love, then this is the reason.  His love too

 Is intellectual;  Not intellectual, not intellectual.


 "Osho Tao Upanishad"



कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

यह ब्लॉग खोजें