बुद्धि का नियम है,तोड़ो । तोड़ने का नियम है,उलझो। अगर उलझाव से बचना है, तो पीछे लौटो, तोड़ो मत। तोड़ना नहीं है, तो
बुद्धि को छोडो। और बुद्धि छूटी कि अभेद निर्मित हो जाता है और सब गुत्थियां गिर जाती हैं; सब ग्रंथियाँ गिर जाती हैं।
महावीर के नामों में से एक नाम है निर्ग्रथ। उसका अर्थ है, वह आदमी जिसकी सब ग्रंथियाँ गिर गईं, वह आदमी जिसके सब उलझन गिर गई ।
ध्यान रहे, उलझन के गिरने पर जोर है, सुलझाव के होने पर नहीं है जोर। मेरे हाथ में एक उलझी हुई गुत्थी है धागों की। सुलझाने
का मतलब है, इन धागों को मैं सुलझा-सुलझा कर, लपेट कर एक रेखाबद्ध कर लूं। उलझाव के गिर जाने का अर्थ है,ये धागे मेरे हाथ से गिर जाएं,मैं इस उलझाव को ही भूल जाऊं । यह बात ही खतम हो गई। मेरे हाथ खाली हो गए । जोर उलझाव के गिर जाने पर है।
लाओत्से कहता है, सारे उलझाओं को हटा दो। महावीर कहते हैं, निर्ग्रथ हो जाओ, सब ग्रंथियां छोड़ दो।
अभी मनोविज्ञान ने कांप्लेक्स शब्द पर बहुत काम करना शुरू किया है। क्योंकि पूरब में तो ग्रंथि शब्द बहुत पूराना है। मन के जो
उलझाव हैं , उनको हम ग्रंथि कहते रहे हैं। पश्चिम ने अभी पिछले पचास-साठ वर्षों में कांप्लेक्स शब्द का उपयोग करना शुरू किया है। उसका अर्थ है ग्रंथि । और मन में बड़े कांप्लेक्स हैं। और मनोविज्ञान बहुत कोशिश करता है कि इनसे सुलझाव हो जाए । लेकिन अभी पचास साल की निरंतर कोशिश से यह अनुभव में आया कि चाहे वर्षो की साइको एनालिसिस कोई करवाए , तो भी कांप्लेक्स सुलझते नहीं हैं। केवल वह आदमी उनके साथ रहने को राजी हो जाता है, बस।
मन ग्रंथि है। माइंड इज दि कांप्लेक्स। ऐसा नहीं है कि कुछ और कांप्लेक्स हैं जिनको हल कर दिया, तो पीछे माइंड बचेगा। वह मन ही गांठ है। उसको सुलझाने का जो उपाय लाओत्से जैसे लोग सुझाते हैं, वह यह है कि इस मन की जो आधारशिला है, भेद–अपना-पराया, अंधेरा-उजाला, मित्र-शत्रु, जीवन-मृत्यु, शरीर-आत्मा, स्वर्ग-संसार–मे जो भेद हैं, इनको गिरा दो।
"ओशो ताओ उपनिषद"
Rule of wisdom is break. The rule is to break, tangle. If you want to avoid confusion, don't back down, don't break. If not breaking Abandon your intellect. And the intellect is left that the impenetration is created and all the kernels fall; All the glands collapse.
One of the names of Mahavira is Nirgrath. That means, the man whose all glands have fallen, the man whose all confusion has fallen. Keep in mind, the emphasis is on the fall of confusion, not the emphasis on the resolution. I have a tangled thread in my hand. Solving That means, I sort these threads together, wrap them and make a line. The fall of entanglement means that these threads fall from my hand, I forget this entanglement. This thing is over. My hands were empty. The emphasis is on the fall of entanglement.
Lao Tzu's says, remove all complications. Mahavira says, get away, leave all the glands.
Now psychology has started working a lot on the term complex. Because in the east the word gland is very old. Of min There are complications, we have been calling them glands. West has just started using the term complex in the last fifty-sixty years. That means the gland. And there are big complexes in mind. And psychology tries hard to solve them. But now, with the continuous effort of fifty years, it came to the experience that even if some years of psycho-analysis is done, the complexes are not solved. Only that man agrees to be with them, that's all. The mind is a gland. Mind is the complex. It is not that if there are some other complexes which are solved, then the mind will be left behind. That mind is a lump. The solution that people like Lao Tzu suggest to solve it is that the foundation of this mind is the mystery, the darkness, the light, the friend-enemy, the life-death, the body-soul, the heaven-world. There are differences, drop them.
"Osho Tao Upanishad"
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