सत्य का एक और आयाम है, जहां न सत्य रहता है, न झूठ जहां जो है, है। लेकिन वहां असत्य का बोध भी नहीं है। और इसलिए कई बार सत्य और झूठ में रहने वाले लोगों को उसमें कई बातें असत्य मालूम पड़ेगी ।
हमें पता कब चलता है ? व्याख्या । लाओत्से ने कहा है, ए इंच डिस्टिंशन, एन हेवन एंड हेल आर सेट एपार्ट । एक इंच भर का फासला किया तुमने विचार में,और स्वर्ग और नर्क की दूरी पैदा हो जाती है। लाओत्से कहता था, डिस्टिंशन ही मत बनाना। लाओत्से कहता था, मत कहना कि यह ठीक है और यह गलत है। क्योंकि तुमने जैसे ही भेद किया, वैसे ही सब नष्ट हो जाता है। अभेद में जीना।
"ओशो ताओ उपनिषद"
There is another dimension of truth, where neither truth remains, nor lies where that is. But there is not even a sense of untruth. And so many times people living in truth and falsehood will find many things in it false.
When do we know? Explanation Lao Tzu has said, A Inch Distance, An Heaven and Hell Are Set Apart. You have moved an inch in your thoughts, and the distance between heaven and hell is born. Lao Tzu used to say, "Do not make distortion". Lao Tzu used to say, don't say that it's okay and it's wrong. Because as soon as you make a distinction, everything is destroyed. Live in the wilderness
"Osho Tao Upanishad"
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