बुद्ध यह नहीं कहते कि मोक्ष नहीं है। बुद्ध इतना ही कहते हैं की तुम चाहो मत। तुम कुछ न चाहो, मोक्ष भी मत चाहो। फिर तुम मोक्ष में हो।
इसलिए लाओत्से कहता है, ज्ञान से और इच्छादि से वे मुक्त करते हैं।
ज्ञानी कहेगा कि जो-जो है, उसे जानो, जीयो, पहचानो। और जो-जो बुरा है, वह गिर जाएगा; और जो-जो भला है, वह बच जाएगा।
अज्ञानी शिक्षक लोगों को समझाते हैं, बुरे को छोडो, भले को पकड़ो। ज्ञानी शिक्षक लोगों से कहते हैं, जानो क्या बुरा है और क्या भला।
भले को जानना, बुरे को जानना। जो बच जाए जानने पर, उसको भला समझ लेना; और जो गिर जाए जानने पर, उसको बुरा समझ
लेना। बुरा वह है, जो जानकारी में बचता है, जानने में गिर जाता है; भला वह है, जानकारी में लाने की कोशिश करनी पड़ती है, ज्ञान में
आ जाता है–ज्ञान के पीछे छाया की तरह।
आपने कभी भी अगर कोई चीज जानी हो, तो आप मेरी बात समझ जाएंगे। लेकिन कठिनाई यही है कि हमने कभी कोई चीज नहीं
जानी है। हमने सुना है।
सब जगह समझाया जा रहा है, क्रोध मत करो, यह मत करो, वह मत करो। और हम वही तो कर रहे हैं। किसके खिलाफ हम कसम
लेंगे फिर ? कसम अपने खिलाफ है। और अपने खिलाफ कोई कसम बचेगी नहीं।
और ध्यान रखें, कसम हमेशा आपका कमजोर हिस्सा लेता है। यह भी ख्याल रख लें, जब भी आप कसम लेते हैं, आपके भीतर दो हिस्से हो गए । यू हैब डिवाईडेड योरसेल्फ़। और जो हिस्सा कसम लेता है, वह कमजोर है, माइनर है। क्योंकि मजबूत हिस्से को कसम
कभी लेनी नहीं पड़ती, वह बिना कसम के काम करता है।
"ओशो ताओ उपनिषद"
The Buddha does not say that there is no salvation. Buddha says this much that you do not want to. You don't want anything, don't even want salvation. Then you are in salvation.
Therefore, Lao Tzu says, they liberate from knowledge and desire.
The wise man will say that whatever is there, know it, live it, recognize it. And whatever is bad will fall; And whatever is good will be saved.
Ignorant teachers explain to people, leave the bad, catch the good. Knowledgeable teachers say to people, know what is bad and what is good.
To know good, to know bad. Knowing what is left, consider it good; And knowing what falls, it is considered bad
to take. Bad is the one who survives in information, falls into knowing; Well he has to try to bring in information, in knowledge
Comes - like a shadow behind knowledge.
If you ever know anything, you will understand me. But the difficulty is that we have never
Have to know. we have heard.
It is being explained everywhere, do not be angry, do not do this, do not do that. And we are doing the same thing. Against whom we swear
Will you then? I swear it is against me. And there will be no oath against you.
And keep in mind, I swear you always have a weak part. Also take care, whenever you swear, you have two parts inside. You have divided your own self. And the part that I swear is weak, is minor. Because swear strong part
Never have to take, he works without swearing.
"Osho Tao Upanishad"
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