लाओत्से कहता है, तुम तो ऐसे हो जाओ, जैसे हो ही नहीं। जैसे तलवार हवा से निकल जाती है। हवा कहीं कटती नहीं, क्योंकि हवा रेसिस्ट नहीं करती। पानी से तलवार गुजार देते हो, पानी कटता नहीं। तलवार काट भी नहीं पाती की पानी गुजर जाता है। क्योंकि पानी
रेसिस्ट नहीं करता, वह प्रतिरोध नहीं करता। तुम भी लड़ो मत। लाओत्से कहता है, तुम भी हवा-पानी जैसे हो जाओ। काटने वाली शक्ति को गुजर जाने दो। तुम अगर न लड़ोगे, तुम उसके गुजरते ही पाओगे कि जुड़ गए हो। तुम टूटे ही नहीं, तुम खंडित ही नहीं हुए । अगर तुम लड़े, तो तुम टूट जाओगे।
संकल्प को हम जैसा आदर देते हैं, लाओत्से ठीक उससे विपरीत उसकी व्याख्या करता है। हम आदर देंगे, क्योंकि हमारा सारा जीवन का ढांचा अहंकार पर निर्मित है, महत्वकांक्षा पर खड़ा है। दौड़ना है, कहीं पहुंचना है, कुछ पाना है। धन, यश, पद, मर्यादा, कुछ उपलब्ध करना है। कि किन्हीं से कुछ छीनना है; किन्हीं को, कुछ हमसे न छीन लें, इस से रोकना है। जीवन हमारा एक संघर्ष है। हमारे देखने का ढंग संघर्ष का ढंग है, झुकना नहीं है। झुके, तो भारी ग्लानि होगी।
लाओत्से कहता है, यह जीवन के सोेचने का ढंग बीमारी में ले जाता है, रुग्णता में ले जाता है। तुम ऐसे हो जाओ, जैसे हो ही नहीं।
"ओशो ताओ उपनिषद"
Lao Tzu says, you become like you are not. As the sword comes out of the air. Wind does not bite anywhere, because wind does not resist. You pass a sword with water, water does not cut. The sword is not even cut because the water passes. Because water
The racist does not resist, he does not resist. You do not even fight. Lao Tzu says, You also become like air and water. Let the cutting power pass. If you do not fight, you will find that you have joined as soon as it passes. You are not broken, you are not broken. If you fight, you will break.
Laotse explains the opposite of what we respect for the resolution. We will respect, because our whole life structure is built on ego, stands on ambition. Have to run, have to reach somewhere, get something. Wealth, fame, rank, decorum, have to provide something. To snatch something from someone; Anybody, don't take anything away from us, we have to stop it. Life is a struggle of ours. Our way of seeing is the way of struggle, not bowing down. If bowed down, there will be heavy guilt.
Laotse says, this takes the way of thinking of life into disease, leads to sickness. You become like you are not.
"Osho Tao Upanishad"
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें