Lao Tzu says, neither do they arrange by karma nor give message by word. Still do deeds. Lao Tzu walks up
Is, sleeps, turns. Eats food. Feeling hungry, sleepy. Seeks alms. Goes from one village to another. Someone understand
Comes, explains it. He does karma. But with these deeds, Lao Tzu does not fall into the illusion that I am making any arrangement in the world. Understand this further.
Laotse says, whatever is happening, I am not doing; It is happening Therefore, whatever the fruit, there is no sponsorship. someone
From Laotse, understand; Fine. Don't understand, okay. Lao Tzu has not been able to convict anyone.
Osho Tao Upanishad
लाओत्से कहता है, न तो वे कर्म से व्यवस्था करते हैं और न शब्द से संदेश देते हैं। फिर भी कर्म करते हैं। लाओत्से चलता है, उठता
है, सोता है, फिरता है। खाना खाता है। भूख लगती है, नींद आती है।भिक्षा मांगता है। एक गांव से दूसरे गांव जाता है। कोई समझने
आता है, उसे समझाता है। कर्म तो वह करता है। लेकिन इन कर्मों से लाओत्से ऐसी भ्रांति में नहीं पड़ता की मैं दुनिया की कोई व्यवस्था कर रहा हूं। इसे और समझ लें।
लाओत्से कहता है, जो भी हो रहा है, वह मैं नहीं कर रहा हूं ; वह हो रहा है। इसलिए जो भी फल आए, कोई प्रायोजन नहीं है। कोई
लाओत्से से समझता है, समझ ले ; ठीक। न समझे, ठीक। लाओत्से किसी को कनविंस करने नहीं निकला हुआ है।
ओशो ताओ उपनिषद
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